15 तीन मूलाधार की व्याख्या, नबियों व रसूलों पर ईमान रखना
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नबी व रसूल अलैहिमुस्सलामः
जिसने नबियों की बंदगी व उपासना की उसने इस बात की गवाही नहीं दी वोः
वह साक्ष्य जिनके द्वारा सच्चे नबी के नबूवत की पहचान की जाएगी तथा उनके व झूठे नबूवत का दावा करने वाले के मध्य अंतर किया जाएगा उसको
हम नबियों के लिए इस बात की गवाही देते हैं कि उन्होंने
सर्वप्रथम रसूल (अलैहिमुस्सलाम)
सबसे अंतिम नबी
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मृत्यु पश्चात जो कोई भी नबूवत अथवा रिसालत का दावा करे वह
जो यह गुमान रखे कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मृत्यु पश्ताच किसी पर वह्य उतरती है ऐसा गुमान रखना
नबूवत अल्लाह तआला का फज़्ल, उसका चयन व इख़्तेयार है
इस बात पर ईमान रखना वाजिब है कि सभी नबी सच्चे व हिदायत का मार्ग दिखलाने वाले, अल्लाह की ओर से हिदायत पाए हुए तथा गुनाहों से बचाए हुए हैं
जिसने नबी अलैहिमुस्सलाम में से एक का इंकार किया उसने समस्त नबियों का इंकार कर दिया क्योंकि वास्तव में यह उनको भेजने वाले अर्थात अल्लाह का इंकार है
कुछ नबी बाक़ी दूसरे नबियों से बेहतर हैं और उनमें सबसे बेहतर अज़्म (दृढ़ संकल्प) वाले हैं
अज़्म (दृढ़ संकल्प) वाले नबी हैं
हम नबियों अलैहिमुस्सलात वस्सलाम को उनक उस स्थान से ऊँचा नहीं करेंगे जो स्थान अल्लाह ने उन्हों दिया है