बंदे के ऊपर अल्लाह से अच्छा गुमान रखना तथा जन्नक के रास्ते को अपनाना व जहन्नम के रास्ते से दूरी बनाना वाजिब है
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क़ज़ा व क़द्र पर ईमान रखने का कितने दर्जे हैं
बंदे के पास भी क्षमता तथा इरादा होता है
अल्लाह ने जिसके करने का आदेश दिया है उसको न करने में तथा जिसको करने से रोका है उसको करने में तकदीर का बहाना बनाना
ऐसा उल्लेखित है कि एक आदमी ने चोरी किया तथा उमर रज़ियल्लाहु अन्हु से कहा किः ये चोरी मैंने अल्लाह के फैसले तथा तक़दीर के अनुसार किया है, तो उमर रज़ियल्लाहु अन्हु ने उत्तर दिया कि अब तेरा हाथ भी अल्लाह के फैसले तथा तक़दीर के अनुसार ही काटा जाएगा
अल्लाह ने जिसके करने का आदेश दिया है उसको छोड़ने में तक़दीर से दलील पकड़नाः
परेशानी के समय में क़ज़ा व क़दर से दलील पकड़ना सही नहीं है
अल्लाह तआला ने ख़ैर व भलाई के रास्ते बता कर, उसको करने का हुक्म देकर तथा बंदों को उसकी करने की क्षमता देकर और ऐसा करने पर अच्छे बदले का वादा करके हुज्जत क़ायम कर दी
शारे (शरीअत बनाने वाले) ने कर्म करने का आदेश दिया है तथा तकदीर पर भरोसा करने से मना किया है
बंदे के ऊपर अल्लाह से अच्छा गुमान रखना तथा जन्नक के रास्ते को अपनाना व जहन्नम के रास्ते से दूरी बनाना वाजिब है